વેણુર્મધુરો રેણુર્મધુરઃ मधुराष्टकम् लिखित में પાણિર્મધુરઃ પાદૌ મધુરૌ ।
वचनं मधुरं चरितं मधुरं वसनं मधुरं वलितं मधुरं .
इति श्रीमद्वल्लाभाचार्य विरचित मधुराष्टकं संपूर्णं
સલિલં મધુરં કમલં મધુરં મધુરાધિપતેરખિલં મધુરમ્ ॥૬॥
गीतं मधुरं पीतं मधुरं भुक्तं मधुरं सुप्तं मधुरं ।
मन की शुद्धि: मधुराष्टकम का पाठ मन को शुद्ध करने और नकारात्मक विचारों और भावनाओं को खत्म करने में मदद कर सकता है। यह शुद्धता, स्पष्टता और सकारात्मक सोच विकसित करने के लिए एक आध्यात्मिक अभ्यास के रूप में कार्य करता है।
मीठे रस से भरियोरि राधा रानी लागे भजन लिरिक्स
ब्रह्माण्ड पुराण में वर्णित श्रीविष्णुपंजरस्तोत्र
हे श्रीकृष्ण! आपके वचन मधुर हैं, चरित्र मधुर हैं, वस्त्र मधुर हैं, अंगभंगी मधुर है.
अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरं .
वचनं मधुरं चरितं मधुरं वसनं मधुरं वलितं मधुरम्
हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं
वचनं मधुरं चरितं मधुरं वसनं मधुरं वलितं मधुरं ।
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